Waqt Shayari

दुनिया समझती है बेकार जिसे
वो खोटा सिक्का भी एक दिन चल जायेगा।
मंजिल चुन कर बढ़ चुका हूँ मैं
हौसले बढ़ रहे हैं मेरे, समय भी बदल जायेगा।

Waqt Shayari - दुनिया समझती है बेकार जिसे

किसी की मजबूरियों पर मत हँसिये,
कोई मजबूरियाँ ख़रीद कर नही लाता,
डरिए समय की मार से क्योकि
बुरा समय किसी को बताकर नही आता।

waqt shayari - किसी की मजबूरियों पर मत हँसिये,

वक्त नूर को बेनूर कर देता हैं,
छोटे से जख्म को नासूर कर देता हैं,
कौन चाहता हैं अपनों से दूर होना,
लेकिन समय सबको मजबूर कर देता हैं।

waqt shayari - वक्त नूर को बेनूर कर देता हैं,

समय से लड़कर जो अपना नसीब बदल दे,
इंसान वही जो अपनी तक़दीर बदल दे,
कल क्या होगा कभी ना सोचो,
क्या पता कल समय ख़ुद अपनी तस्वीर बदल दे।

waqt shayari - समय से लड़कर जो अपना नसीब बदल दे

एक तूफ़ान आया और सब कुछ उड़ा कर चला गया
गुजरा हुआ समय बहुत कुछ सिखा कर चला गया,
कभी सोचा न था दुनिया में ऐसे लोग भी होते हैं,
जिन्हें चुप कराया वही हमे रुला कर चला गया..।।।

waqt shayari - एक तूफ़ान आया और सब कुछ उड़ा कर चला गया

अभी तो थोडा वक्त हैं,
उनको आजमाने दो,
रो-रोकर पुकारेंगे हमें,
हमारा वक्त तो आने दो।

waqt shayari - अभी तो थोडा वक्त हैं

tere intezar ka yah waqt
mujhe sukun se mehroom rakhta hai..
tere didar ka vo haseen lamha
na jane kab talak aata hai..

waqt shayari - tere intezar ka yah waqt

kaun kitni duri tay kar payega..
ye to aane wala waqt hi batayega..

waqt shayari - kaun kitni duri tay kar payega

ae waqt, thoda sa thehar to jao
mehboob ko mere tum dekhte to jao..
kho jaaoge tum uski adaao me
is haseen lamhe ko tum chhute to jao..

waqt shayari - ae waqt, thoda sa thehar to jao

auron ki marzi se kabhi jiya nahin karte..
ham waqt per afsos kiya nahin karte..!

waqt shayari - auron ki marzi se kabhi jiya nahin karte

aapki baaton ke sath yah waqt
bada hi jaldi beet jata hai..
main dekhta rahata hun yah ghadi
aur milne ka vaqt beet jata hai..

waqt shayari - aapki baaton ke sath yah waqt

yahi par khoya aur yahi par paya hai..
waqt aaj tak kiske samajh aaya hai..!

waqt shayari - yahi par khoya aur yahi par paya hai

mere mahbub ki pyari baaten
mere har pal ko hasin banati hai..
intezar bhi karta hun uska
us waqt ko bhi sundar banati hai..

waqt shayari - mere mahbub ki pyari baaten

kisi per narm, kisi par hota hai sakht..
kal aur tha, aaj dusre ka hai ye vakt..

waqt shayari - kisi per narm, kisi par hota hai sakht

har waqt khoya rahata hun mai
bas usi ke hi khayal mein..
yaad nahin rahta koi kaam bus
uljha rahata hun uske sawal mein..

waqt shayari - har waqt khoya rahata hun mai

kaisa rahega aane wala pal..
waqt hi jaanta hai hamara kal..

waqt shayari - kaisa rahega aane wala pal

tum na waqt ke badalne ka intezar karo
utho aur tabdeeli ka rasta ekhtiyar karo..
lipat jayegi kadmon se manjilen, chumegi kadam
hathon ki lakeeren jhuthi, mehnat per etbar karo..

waqt shayari - tum na waqt ke badalne ka intezar karo

jamana khamosh hai, hai har rahbar khamosh
kya khabar kyon hai, har rahgujar khamosh..
waqt ka taqaza hai badal do halat
na rahe koi ghar, dagar, nagar khamosh..

waqt shayari - jamana khamosh hai, hai har rahbar khamosh

waqt ki hamen ab
kahan koi khabar rahti hai..
kisi ki adaon per
hamari najar jo rahti hai..

waqt shayari - waqt ki hamen ab

hamesha sahi rasta tum chuno..
waqt ki maang jarur suno..!

waqt shayari - hamesha sahi rasta tum chuno

waqt ke sath vah bhi aage badh gaye..
bus hamen bhul kar kisi aur ke ho gaye..

waqt shayari - waqt ke sath vah bhi aage badh gaye

jitataa vahi hai, samay per jo bhaaga..
waqt ka nahin hota hai koi bhi sagaa..

waqt shayari - jitataa vahi hai, samay per jo bhaaga

kahan aati hai ab unhen yaad hamari..
kha tm jo ho gai ye pyar ki kahani..

waqt shayari - kahan aati hai ab unhen yaad hamari

rutba mera sabko samjhayega..
vakt mera bhi kal jarur aayega..

waqt shayari - rutba mera sabko samjhayega

hamare har waqt per likha hai
bus ek unka hi naam..
magar kya karen ke dil me
bas gaya hai koi anjaan..

waqt shayari - hamare har waqt per likha hai

har kisi ko apna mahatva batata..
gujra hua waqt fir kaha hai lautataa..

waqt shayari - har kisi ko apna mahatva batata

har rishte ke liye jaruri hai thoda sa vakt..
thoda sa pyar aur thoda sa hi aitbaar..

waqt shayari - har rishte ke liye jaruri hai thoda sa vakt

na kisi ko chahta,
na kisi ko thukrata..
apne samay per waqt
khud jarur hai badalta..

na kisi ko chahta

kayal tera ek din ye sara jahan hoga
tu manzil ka makin, kamyabi tera makam hoga..
waqt ko hai intezaar tere atal faisla par
ghar se bahar nikal tere piche kafila hoga..

kayal tera ek din ye sara jahan hoga

manzil ke darvajon per mehnat se sada do
paigam jamane ko tum kranti ka suna do..
waqt per chhod do tum kuchh faisla apne
aage badho pathar uchalne walon ko dua do..

manzil ke darvajon per mehnat se sada do

kuchh bhi ho magar
yakin khud per rakhna..
vaqt ka ehsaas
jahan me jarur rakhna..

kuchh bhi ho magar

jab koi apna pass hota hai..
tabhi waqt uska khaas hota hai..

jab koi apna pass hota hai

dil ki baat ye magar
kabhi hoti bewaqt nahin..
lekin unke pass ab
mere liye waqt nahin..

dil ki baat ye magar

ek din hamen khud se milata hi hai..
waqt to karvat jarur badalta hi hai..

ek din hamen khud se milata hi hai

अभी तो थोडा वक्त हैं,
उनको आजमाने दो,
रो-रोकर पुकारेंगे हमें,
हमारा वक्त तो आने दो…

अभी तो थोडा वक्त हैं

रोने से किसी को पाया नहीं जाता,
खोने से किसी को भुलाया नहीं जाता,
वक़्त सबको मिलता है ज़िन्दगी बदलने के लिए
पर ज़िन्दगी नहीं मिलती वक्त बदलने के लिए.

रोने से किसी को पाया नहीं जाता

बुरा वक्त तो सबका आता हैं,
कोई बिखर जाता हैं कोई निखर जाता हैं…

बुरा वक्त तो सबका आता हैं

वक्त तू कितना भी सता ले हमे लेकिन याद रख,
किसी मोड़ पर तुझे भी बदलने पर मजबूर कर देंगे…

वक्त तू कितना भी सता ले हमे लेकिन याद रख

वक़्त बदलने से उतनी तकलीफ नहीं होती,
जितनी किसी अपने के बदल जाने से होती है.

वक़्त बदलने से उतनी तकलीफ नहीं होती

जब आप का नाम जुबान पर आता हैं,
पता नहीं दिल क्यों मुस्कुराता हैं,
तसल्ली होती है मन को कोई तो है अपना,
जो हँसते हुए हर वक्त याद आता हैं…

जब आप का नाम जुबान पर आता हैं

जिन्दगी में अगर बुरे वक्त नही आते
तो अपनों में छुपे गैर,
और गैरों में छुपे हुए अपने
कभी नजर नही आते…

जिन्दगी में अगर बुरे वक्त नही आते

जो रोऊंगा तो पलकों पे नमी रह जायेगी,
ज़िन्दगी बस नाम की जिन्दगी रह जायेगी,
ये नहीं कि तुम बिन जी न पाउँगा,
हाँ मगर जिन्दगी में हर वक्त एक तेरी कमी रह जायेगी…

जो रोऊंगा तो पलकों पे नमी रह जायेगी

वक्त नूर को बेनूर कर देता हैं,
छोटे से जख्म को नासूर कर देता हैं,
कौन चाहता हैं अपनों से दूर होना,
लेकिन वक्त सबको मजबूर कर देता हैं…

वक्त नूर को बेनूर कर देता हैं

तलाश है एक ऐसे शख्स की,
जो आँखों में उस वक़्त दर्द देख सके,
जब सब लोग मुझसे कहते हैं,
क्या बात है हमेशा हँसती रहती हो…

तलाश है एक ऐसे शख्स की

ना तूफ़ान ने दस्तक दी, और ना पत्थर ने चोट दी…
वक्त तकदीर से मिला और मुझे सजा-ए-मोहब्बत दी…

ना तूफ़ान ने दस्तक दी, और ना पत्थर ने चोट दी

तुझे चाहने वाले कम ना होंगे,
वक़्त के साथ शायद हम ना होंगे,
चाहे किसी को कितना भी प्यार देना,
लेकिन तेरी यादों के हकदार सिर्फ हम ही होंगे.

तुझे चाहने वाले कम ना होंगे

वक्त का खास होना जरूरी नही…
खास लोगो के लिए वक्त होना जरूरी हैं…

वक्त का खास होना जरूरी नही

वक्त बदला और बदली कहानी हैं,
संग मेरे हसीं पलों की यादें पुरानी हैं,
न लगाओ मेरे ज़ख्मो पे मरहम,
मेरे पास उनकी बस यही निशानी हैं…

वक्त बदला और बदली कहानी हैं

उनका भरोसा मत करों,
जिनका ख्याल वक्त के साथ बदल जाएँ,
भरोसा उनका करो जिनका ख्याल वैसे ही रहे,
जब आपका वक्त बदल जाए.

उनका भरोसा मत करों

कभी एक लम्हा ऐसा भी आता हैं,
जिसमे बीता हुआ कल नज़र आता हैं,
बस यादें रह जाती है याद करने के लिए,
और वक्त सब कुछ लेके गुज़र जाता हैं…

कभी एक लम्हा ऐसा भी आता हैं

वक्त से लड़कर जो अपना नसीब बदल दे,
इंसान वही जो अपनी तक़दीर बदल दे,
कल क्या होगाकभी ना सोचो,
क्या पता कल वक़्त ख़ुद अपनी तस्वीर बदल दे…

वक्त से लड़कर जो अपना नसीब बदल दे

वक्त की रफ़्तार रुक गयी होती,
शरम से आँखें झुक गयी होती,
अगर दर्द जानती शम्मा परवाने का,
तो जलने से पहले ही वो बुझ गयी होती.

वक्त की रफ़्तार रुक गयी होती

एक तूफ़ान आया और सब कुछ उड़ा कर चला गया,
गुजरा हुआ वक्त बहुत कुछ सिखा कर चला गया,
कभी सोचा न था दुनिया में ऐसे लोग भी होते हैं,
जिन्हें चुप कराया वही हमे रुला कर चला गया…

एक तूफ़ान आया और सब कुछ उड़ा कर चला गया

वक्त से ज्यादा ज़िन्दगी में,
कोई भी अपना और पराया नही होता,
अगर वक्त अपना हैं तो सभी अपने होते हैं,
और अगर वक्त ही पराया हो तो
अपने भी पराये हो जाते हैं…

वक्त से ज्यादा ज़िन्दगी में

वक्त का पता नही चलता अपनों के साथ,
पर अपनों का पता चलता हैं वक्त के साथ…

वक्त का पता नही चलता अपनों के साथ

वक्त से लड़कर अपना नसीब बदल दे,
इंसान वही जो अपनी तकदीर बदल दे,
कल क्या होगा उसकी कबी ना सोचो,
क्या पता कल वक्त खुद अपनी लकीर बदल दे…

वक्त से लड़कर अपना नसीब बदल दे

चलकर देखा हैं अकसर, मैंने अपनी चाल से तेज…
पर वक्त और तकदीर से आगे कभी निकल न सका…

चलकर देखा हैं अकसर, मैंने अपनी चाल से तेज

वक्त की एक आदत बहुत अच्छी हैं,
जैसा भी हो गुजर जाता हैं…

वक्त की एक आदत बहुत अच्छी हैं

बुरा वक्त कभी भी बताकर नही आता,
पर सिखाकर और समझकर
बहुत कुछ जाता हैं…

बुरा वक्त कभी भी बताकर नही आता

किसी की मजबूरियों पर मत हँसिये,
कोई मजबूरियाँ ख़रीद कर नही लाता,
डरिए वक्त की मार से क्योकि
बुरा वक्त किसी को बताकर नही आता…

किसी की मजबूरियों पर मत हँसिये