Shayari Quotes

गिराया जिसे अपनों ने वो उठकर फिर क्या करता
परायों से जो लड़ा नहीं वो अपनों से क्या लड़ता

Giraya jise apno ne Wo uthkar fir kya karta
Parayo se jo lada nahi Wo Apno se kya ladta

सच कहूँ तो मुझे एहसान बुरा लगता है,
जुल्म सहता हुआ इंसान बुरा लगता है,
कितनी मसरुक हो गयी है ये दुनिया,
एक दिन ठहरे तो मेहमान बुरा लगता है।

Mujhe aasmano mein udne ka shok hain
Parindo ke beech khelne ka shok hain,
Agar mjhe Jaanna ho to jara dur se hi jaanna
Mai parwana hu mjhe aag me jalne ka shok h

मुझे आसमानो में उड़ने का शोक हैं,
परिंदो के बीच खेलने का शोक हैं,
अगर मुझे जानना हो तो जरा दूर से ही जानना
मैं परवाना हूँ, मुझे आग में जलने का शोक हैं|

हर एक लिखी हुई बात को
हर एक पढ़ने वाला नहीं समझ सकता

“क्योंकि” लिखने वाला
“भावनाएं” लिखता है
और
लोग केवल “शब्द” पढ़ते हैं।

परेशानी में कोई सलाह मांगे
तो सलाह के साथ अपना साथ भी देना,
क्योकि सलाह गलत हो सकती है, साथ नहीं..!!

Sirf ek ehsaas karne ka andaaz badal jaya karte hai
Varna aanchal aur kafan ek hi dhaage se bante hai

Kyu judta h tu es Jahan se, ek din ye gujar hi jayega,
Chahe kitna b samet le yaha, mutthi se fisal hi jayega

ये गंदगी तो महल वालो ने फैलाई है “साहिब”
वरना गरीब तो सङको से थैलीयाँ तक उठा लेते है !

Main “Kisi Se” Behtar Karoon, Kya Fark Padta Hai,
Main “Kisi Ka” Behtar Karu, Bahot Fark Padta Hai

“भूलने को सोचा उन्हें पर भूल कहा पा रहे है,
हवाओं में उनकी खुशबू फैली हुई है,
अब क्या सांस लेना छोड़ दे ।।”

“लोग पूछते है मुझसे हाल मेरा
मैं क्या बताऊं मैं उदास रहता हूं,
और ज्यादा कुछ नहीं बस उसकी आस में रहता हूं ।।”

“सोच के की गई मोहब्बत-मोहब्बत नहीं होती,
और तुम मोहब्बत में उसके सिवा किसी को सोच सको तो ऐसे ही मोहब्बत नहीं होती ।।”

“अब तमन्ना नहीं रही मोहब्बत की,
तुम्हारे बिन अब दिल नहीं लगता ।।
रात की बात क्या करे हम ,
हमारा तो दिन में भी दिल नहीं लगता ।।”

“सबको मोहब्बत है किसी ना किसी शख्स से,
खयाल रखता हूं कि खयाल से भी,
उस शख्स जैसा खयाल ना आए तेरे बारे में ।।”

“मोहब्बत के अल्फाजों में वो सिर्फ हमारी हुई थी,
अब लोग मुझसे मेरे अल्फ़ाज़ भी चुराना चाहते है ।।”

“इश्क़ में अगर तुम्हे गवारा हो,
खुदा करे तुम्हें इश्क़ तुम्हें दोबारा हो ।।”

“आज कल मोहब्बत में दिल नहीं लग रहा है फिर भी दिल लगाना पड़ता है,
एक तरफा मोहब्बत है ये इसे अकेले निभाना पड़ता है ।।”

“कुछ तो कमी है खुदा में भी “कुनाल”,
इतने लोगो की दुआओ में बस मेरी एक रह गई ”

“मोहब्बत है तुमसे बना ले मुझे अपना,
कहीं बहक ना जाऊं किसी की सुंदर बातों में ,
अगर कुछ खिला पिला कर मुझे क़ैद कर लिया तो ।।”

“तुझसे मोहब्बत करके मोहब्बत छोड़ देना,
और फिर मोहब्बत करना कैसा है ।।
अच्छा वह सब तो ठीक है ये बताओ,
घूट – घुट के जीने से मरना कैसा है ।।”

“कितनो को मोहब्बत है तुमसे हम किस को अपना रकीब बताए,
और तुम्हें खोने से डरते है हम तुम हो नहीं हमारे,
तुमसे कितनी मोहब्बत है तुम्हें कैसे बताए ।।”

एक अजीब सी दौड़ है ये ज़िन्दगी….
जीत जाओ तो कई अपने पीछे छूट जाते हैं,
हार जाओ तो अपने ही पीछे छोड़ जाते हैं .

मेरी खामोशियों में भी फसाना ढूँढ लेती है,
बड़ी शातिर है दुनिया मजा लेने का बहाना ढ़ूँढ लेती है.

किसी की मजबूरी का
मजाक ना बनाओ यारों,
ज़िन्दगी कभी मौका देती है तो कभी धोखा भी देती है.

आजकल सब यही कहते रहते है वक्त नहीं मिलता,
मझे समझ नहीं आता की busy वक्त हो गया है या आदमी

छोटे से दिल में गम बहुत है,
जिन्दगी में मिले जख्म बहुत हैं,
मार ही डालती कब की ये दुनियाँ हमें,
कम्बखत दोस्तों की दुआओं में दम बहुत है.

बस यही दो मसले, ज़िन्दगी भर ना हल हुए,
ना नींद पूरी हुई, ना ख्वाब मुकम्मल हुए,
वक़्त ने कहा…..काश थोड़ा और सब्र होता,
सब्र ने कहा….काश थोड़ा और वक़्त होता.

अकेले ही काटना है मुझे ऐ जिन्दगी का सफर,
यूँ पल-दो-पल साथ चलकर मेरी आदत खराब न करो .

कल रात ज़िंदगी मेरे सपने में आई थी और कहा
कब तक चलेगा किसी और के पीछे अब खुद के पीछे चल

ज़िन्दगी कभी आसन नही होती इसे आसान करना पड़ता है,
कुछ नजर अंदाज करके, कुछ को बर्दास्त करके.

ज़िन्दगी है थोड़ा आहिस्ता चल,
कट ही जाएगा सफ़र आहिस्ता चल,
एक अंधी दौड़ है किस को ख़बर,
कौन है किस राह पर आहिस्ता चल!?

थक गया हूँ तेरी नौकरी से ऐ जिन्दगी,
मुनासिब होगा मेरा हिसाब कर दे.

ज़िन्दगी में मित्र और चित्र अगर दिल से
बनाओगे ! तो उनके रंग ज़रूर निखर कर आएंगे

चलने की कोशिश कर रहा हूँ,
ज़िंदगी जिस रस्ते पर ले जाना चाहती है

हर रोज गिरकर भी, मुक्कमल खड़े हैं…!
ए जिंदगी देख,
मेरे हौसले तुझसे भी बड़े हैं.

शौक-ए-ज़िन्दगी कमतर से और कुछ कम किये,
फ़िर सस्ते में ही “सुकून-ए-ज़िंदगी” खरीद ली!

थोड़ी मस्ती थोड़ा सा ईमान बचा पाया हूँ
ये क्या कम है मैं अपनी पहचान बचा पाया हूँ
कुछ उम्मीदें, कुछ सपने, कुछ महकती यादें
जीने का मैं इतना ही सामान बचा पाया हूँ.

जब तक यह जान पाते है कि ज़िन्दगी क्या है.
तब तक यह आधी ख़त्म हो चुकी होती है

नाराज़गी कभी वहाँ मत रखिये.
जहाँ आपको बताना पड़े कि आप नाराज़ हो

बाद में बस यादें आती है वक्त नहीं,
इसलिए जी लो हर एक लम्हा

उजड़ी हुई दुनिया को तू आबाद न कर,
बीते हुए लम्हों को तू याद न कर,
एक कैद परिंदे ने ये कहा हम से..
मैं भुल चुका हूं उड़ना मुझे आजाद न कर.

ज़िन्दगी में रिश्ते ख़राब होने की एक वजह ये
भी है ,
कि लोग ज़रा सा झुकना पसंद नहीं करते

शतरंज‬ खेल रही है मेरी
कभी तेरी मोहब्बत मात देती है कभी मेरी

मुस्कुराओ क्या गम है,
जिंदगी में टेंशन किसको कम है,
अच्छा या बुरा तो केवल भ्रम है,
जिंदगी का नाम ही.. कभी खुशी कभी गम है.

ज़िंदगी देती बहुत कुछ है सबको लेकिन याद उसी
को रखते है जो हासिल ना हो पाती है

गैर मुक्कमल सी है ये जिंदगी,
और वक्त की बेतहाशा है रफ्तार.
रात इकाई, नींद दहाई,
ख्वाब सैकड़ा, दर्द हजार,
फिर भी जिंदगी मजेदार.

ज़िन्दगी की उलझनों ने शरारतें कम कर दी !
और लोग समझते हैं हम बड़े हो गए

अपनी ज़िन्दगी ऐसे जियो कि अगर कोई
आपकी बुराई करें.
तो लोग उस पर विश्वास न करें

कोई खुशियों की चाह में रोया, कोई दुखों की पनाह में रोया,
अजीब सिलसिला हैं ये “ज़िंदगी” का,
कोई भरोसे के लिए रोया, कोई भरोसा कर के रोया.