Kisi ki yaado ko rok paana muskil hai,
Rote huye dil ko manana muskil hai,
Ye dil apno ko kitna yaad karta hai,
Ye kuch kafzo mein baya kar paana muskil hai.
Har mayus ko hsane ka
Karobar hai apna..
Dilon ka dard khareed lete hain..
Bs yehi rojgaar hai apna.
Badalna nahi aata humein mausam ki tarah,
Har ek rut mein teraintezaar karte hain..
Na tum samjh sako jise qayaamat tak,
Kasam tumhrei tumhe itna pyaar karte hain..
Meri Rooh mein na samatey to bhool jaate tujhe,
Tum itna pass na aate to bhool jaate tujhe,
Ye kehte hue mera tum se koi talauq nahi,
Ankhon mein Ansoo na aate to bhool jaate tujhe.
Pyar Kiya To Badnaam HoGaye,
Charche Hamare Sar E AamHo Gaye,
Zaalim Ne Dil Bhi Usi WaqtToda,
Jab Hum Uske Pyar K GulamHo Gaye.
Maine Kaha Unse Chhod Do Ya Tod Do Mujhe,
Muskura Kar Sitam dhaya Unhone,
Chhod To Diya Hi Hai Tumko,
Toot Tum Khud-ba-Khud jaoge….!!
मन का सूरज चमकता रहे, सुख का उपवन महकता रहे।
खुशी आंगन में खेलें सदा, यश का परचम फहरता रहे।
प्यार की थपकी देकर सुलाया है,
जब रोऊ छुप-छुप कर तूने गले लगाया है,
किसी की बुरी नजर का डर नहीं मुझे,
क्योंकि जब भी देखा तो सर पर तेरा हाथ पाया है।।
गुज़रे हुये लम्हों की हमें याद तो होगी।
कोविड में अगर ना भी मिलें, दोस्ती आबाद तो होगी।।
एक सच्ची शहादत के लिए।
बुजुर्गों की विरासत के लिए।
घर छोड़ा, गांव छोड़ा, छोड़ा जहां,
सरहदों पर हिफाजत के लिए ।
हम शरीफ इतने हैं के खुली किताब बने बैठे है,
और वो चेहरे पे मुखौटा और झूठ का लिबास पहने हुए बैठे हैं,
और हमारी बेदागी को वो महफ़िल पर दाग कहते हैं।
महफ़िल में साफ कपड़े पहने दागदार लोग बैठे है,
पौधा अच्छे से उग नहीं सकता, बिना खाद
याद आता है मुझे आपके हाथो से खिलाए खाने का स्वाद,
निकल चुका हुआ जीवन के सफर पर होने आबाद
बस बची यही मेरी आखिरी मुराद
काश फिर से मिल पाता आपका आशीर्वाद।
कलकल बहती नदी है मां
जीवन रूपी सदी है मां
पोंछती है आंसू छुपकर
पर कुछ नहीं कहती है मां
देश के सड़को का इम्तिहान तो बारिशे ही ले सकती है
वरना कागजो में तो…………….. वो भी मजबूत होती है !
शज़र से टूट कर गिरा हूँ
मै ख़फ़ा हूँ, निराश हूँ, मगर मरा नहीं हूँ
मै डर तो दिखाया बहुत था,
पत्थर का हूँ मै डरा नहीं हूँ
सितम ये सारे दिल हसके सहेगा
जमाना जमात है बेशर्मो की, यूँ ही कहेगा
किसी की याद में कितने ही दिन सुबह से शाम हो गए
किसी और के कहने से हम ख़ामख़ा बदनाम हो गए…
जब जान लिया कि यह जीवन है क्षण भंगुर
फिर हे मनुष्य है तुझे किस बात का गुरूर
उठो! खंडित कर दो ऐसे विचार संकीर्ण
दिल के पिंजरे से कर दो मोहब्बत को विकीर्ण
गांव के बाजारों में भी, खूब नज़ारे होते थे।
चाट पकौड़ी और बताशों के चटकारे होते थे।
नीम और बरगद की छाया में बैठा करते थे।
खुशियों के पल आपस में वारे न्यारे होते थे।
प्यार से रिश्ता निभाना चाहिए।
सोचकर के दिल लगाना चाहिए।
मुश्किलें राह पर मिलती रहेंगीं।
कर्म पथ पर चलते जाना चाहिए।
खुद को मार कर जी रही हूँ….,
लोग समझते हैं की ज़िंदा हूँ मैं….
गलती की थी मेने भी प्यार करके,
आज अपनी उसी गलती पर शर्मिंदा हूँ मैं
ए-दिल यूँ खुद को खुद की नजरो में रूसवा ना कर
यूँ बेवफा के आने का इंतज़ार ना कर
हम तड़पते हैं तेरी हरकतों से……
ए-दिल फिर उसे मोबाइल पर तलाश ना कर
उसने कहा हमसे के वो अब और रुक नही सकते,
मेने भी मासूमियत से पूछ लिया जाना जरूरी है क्या?
अभी तो कहानी शुरू ही हुई थी हमारी,
तुम्हारे हिसाब से तुम्हे लगती ये पूरी है क्या….
Khwaabo ki ek lehar uthi, Duba jisme tann aur mann .
Tham sa gaya Wakt aur, Ruk se gaye kadam .
Na jane kis asamanjas mein, Ulajh chuka hai yeh bawla dil .
Samajh nahi aata tu dard hai ya malham .
Kaash na aate tum zindagi mein, Khushi ki bahaar lekar.
Kaash na jaate tum dil par yeh, Gehra ghaav dekar.
Kaash na milte kabhi ho, Jaate kahi ghum
Na jane kyun ujaad diya tumne, Ye sundar aur aabad chaman.
Jis se mila karti thi ronakbhari, Rahat tumhe kisi pal.
Har shaam hai roothi hui, Har din hai adhura .
Na jane kis asamanjas mein, Ulajh chuka hai yeh bawla dil.
Samajh nahi aata tu dard hai ya malham.
जीतने के लिए मेहनत करनी पड़ती है
सिर्फ बातो से बात कभी बनती नही
कुछ पाने के लिए रातों को जागना पड़ता है
यूं दिन में सोने से दाल कभी गलती नही
सोच विचार से अगर सब मिल जाता तो
दिल में कुछ पाने की आग कभी जलती नही
मैं खुद ही खुद को बयां करती हूं, अजीब सी लड़की हूं जाने क्या-क्या ही चाहती हूं,
छोटी – छोटी आंखों में सपने हजार देख के मुसाफिर बनना चाहती हूं,
है रस्ते अनजान फिर भी बेफ्रिक होकर मंजिल ढूंढना चाहती हूं
खोने का डर नहीं बस सपने पूरा करना चाहतीं हूं
दे साथ गर कोई जिंदगीभर शुक्रगुजार होना चाहती हूं
यूंह तो ख्वाइशें हर दिन बदलती रहती हैं
पर मेरी ख्वाइश कुछ ऐसी हो की बस उसी में खोकर रहना चाहती हूं…
मैं खुद को बस खुद ही से बयान करना चाहती हूं।
सूरज की रौशनी फीकी पड़ जाए
ऐसी भी कोई चांदनी रात होनी चाहिए
आँखों में गुम हो जाऊ तुम्हारी,
ऐसी भी कोई बात होनी चाहिए
पीठ पीछे तो सब बोलते है मेरी जान
जो सामने बोलके दिखाए वो औकात होनी चाहिए
झुकता नहीं सर यूँही किसी डर के आगे
हर सर झुक जाये उस डर में वो बात होनी चाहिए
तेरे ख्याल से खुद को छुपा के देखा है,
दिल-ओ-नजर को रुला-रुला के देखा है,
तू नहीं तो कुछ भी नहीं है तेरी कसम,
मैंने कुछ पल तुझे भुला के देखा है।
Tere Khayal Se Khud Ko Chhupa Ke Dekha Hai,
Dil-o-Najar Ko Rula-Rula Ke Dekha Hai,
Tu Nahi To Kuchh Bhi Nahi Hai Teri Kasam,
Maine Kuchh Pal Tujhe Bhula Ke Dekha Hai.
हम आपकी हर चीज़ से प्यार कर लेंगे,
आपकी हर बात पर ऐतबार कर लेंगे,
बस एक बार कह दो कि तुम सिर्फ मेरे हो,
हम ज़िन्दगी भर आपका इंतज़ार कर लेंगे।
Hum Aapki Har Cheez Se Pyar Kar Lenge,
Aapki Har Baat Par Aitbaar Kar Lenge,
Bas Ek Bar Keh Do Ki Tum Sirf Mere Ho,
Hum Zindagi Bhar AapKa Intezaar Kar Lenge.
जिनका मिलना मुकद्दर में लिखा नहीं होता,
उनसे मोहब्बत कसम से बा-कमाल होती है।
Jinka Milna Mukaddar Mein Likha Nahi Hota,
Unse Mohabbat Kasam Se Ba-Kamaal Hoti Hai.
दिल से पूछो तो आज भी तुम मेरे ही हो,
ये ओर बात है कि किस्मत दगा कर गयी।
Dil Se Poochho To Aaj Bhi Tum Mere Hi Ho,
Ye Aur Baat Hai Ki Kismat Dagaa Kar Gayi.
हर तन्हा रात में एक नाम याद आता है,
कभी सुबह कभी शाम याद आता है,
जब सोचते हैं कर लें दोबारा मोहब्बत,
फिर पहली मोहब्बत का अंजाम याद आता है।
Har Tanha Raat Mein Ek Naam Yaad Aata Hai,
Kabhi Subhah To Kabhi Shaam Yaad Aata Hai,
Jab Sochte Hain Kar Lein Dobara Mohabbat,
Fir Pehli Mohabbat Ka Anzaam Yaad Aata Hai.
हमें शायर समझ के यूँ नजर अंदाज मत करिये,
नजर हम फेर ले तो हुस्न का बाजार गिर जायेगा।
Humein Shayar Samajh Ke Yoon Najar Andaz Mat Kariye,
Najar Hum Fer Le To Husn Ka Baazar Gir Jayega.
हमारी हैसियत का अंदाज़ा तुम ये जान के लगा लो,
हम कभी उनके नहीं होते जो हर किसी के हो गए।
Humari Haisiyat Ka Andaza Tum Ye Jaan Ke Laga Lo,
Hum Kabhi Unke Nahi Hote Jo Har Kisi Ke Ho Gaye.
इससे ज़्यादा तुझे और कितना करीब लाऊँ मैं,
कि तुझे दिल में रख कर भी मेरा दिल नहीं भरता।
Iss Se Zyada Tujhe Aur Kitna Qareeb Laaun Main,
Ki Tujhe Dil Mein Rakh Kar Bhi Mera Dil Nahi Bharta.
हक़ीक़त ना सही तुम ख़्वाब बन कर मिला करो,
भटके मुसाफिर को चांदनी रात बनकर मिला करो।
Haqikat Na Sahi Tum Khwab Bankar Mila Karo,
Bhatke Musafir Ko Chaandani Raat Bankar Mila Karo.