बूढ़े माँ बाप की आँखे घर का वैभव देखकर नहीं…पारिवारिक एकता देखकर खुश होती है।
अच्छाई एक न एक दिन अपना असर ज़रूर दिखाती है भले ही थोड़ा वक़्त ले ले~
बस सब्र का दामन संभालकर रखें वक़्त आपका ही होगा~
अफवाह है या हकीकत है ये तो पता नहीं..
सुना है तू भी मेरे इश्क में है…
फुर्सत में करेंगे
तुझसे हिसाब-ए-ज़िन्दगी
अभी तो उलझे है
खुद को सुलझाने में
इन्सान ख्वाहिशो से बंधा
एक जिद्दी परिंदा है
जो उम्मीदों से ही घायल है
और उम्मीदों से ही जिंदा हैज़िन्दगी में एक बात
हमेशा याद रखना
हमें तब तक कोई
हरा नहीं सकता
जब तक हम खुद से
न हार जाये
किसी दिन ज़िंदगानी में करिश्मा क्यूं नहीं होता,
हर दिन जाग जाता हूँ ज़िन्दा क्यूं नहीं होता,
मेरी इक ज़िन्दगी में कितने हिस्सेदार हैं लेकिन,
किसी की ज़िंदगी में मेरा हिस्सा क्यूं नहीं होता!
अगर दुनिया को समझने की सोचते हो,
तो कभी इसको समझा ना सकोगे तुम,
अगर की परवाह दुनिया की बातों की तुमने,
तो कभी भी मुझको पा ना सकोगे तुम!!
नन्हे से दिल में अरमान कोइ रखना,
दुनिया की भीड़ में पहचान कोइ रखना,
अच्छे नहीं लगते जब तुम रहते हो उदास,
इन होठों पे सदा मुस्कान कोइ रखना!
क्या है ज़िन्दगी
देखो तो ख्वाब है ज़िन्दगी
पढो तो किताब है ज़िन्दगी
सुनो तो ज्ञान है ज़िन्दगी
ग़म न कर ज़िन्दगी बहुत बड़ी है
चाहत की महफ़िल तेरे लिए सजी है
बस एक बार मुस्कुरा कर तो देख
तकदीर खुद तुझसे मिलने बहार खड़ी हैमैंने ज़िन्दगी से पूछा सबको इतना दर्द क्यू देती देती है
ज़िन्दगी ने हस कर जवाब दिया में तो सबको
खुसी ही देती हूँ पर एक की खुसी दुसरे का दर्द बन जाती है
ज़िन्दगी का सफ़र तोह एक हसीं सफ़र हैहर किस्सी को किस्सी न किस्सी की तलाश हैकिस्सी के पास मंजिल है तोह राह नहींऔर किस्सी के पास राह है तो मंजिल नहीं
जो हो गया उसे सोचा नहीं करते
जो मिल गया उसे खोया नहीं करते
हासिल उन्हें होती है सफलता
जो वक़्त और हालत पर रोया नहीं करते
बड़े ही अजीब हैं ये ज़िन्दगी के रास्ते,
अनजाने मोड़ पर कुछ लोग अपने बन जाते हैं,
मिलने की खुशी दें या न दें,
मगर बिछड़ने का गम ज़रूर दे जाते हैं।
Bade Hi Ajeeb Hain Ye Zindagi Ke Raaste,
Anjane Mod Par Kuchh Log Apne Ban Jate Hain,
Milne Ki Khushi Dein Ya Na Dein,
Magar Bichadne Ka Gam Zaroor De Jate Hain.
अजीब तरह से गुजर गयी मेरी भी ज़िन्दगी,
सोचा कुछ, किया कुछ, हुआ कुछ, मिला कुछ।
Ajeeb Tarah Se Gujar Gayi Meri Bhi Zindagi,
Socha Kuchh, Kia Kuchh, Hua Kuchh, Mila Kuchh.
जीने का हौसला कभी मरने की आरज़ू,
दिन यूँ ही धूप-छाँव में अपने भी कट गए।
Jeene Ka Hausla Kabhi Marne Ki Aarzoo,
Din Yoon Hi Dhoop-Chhaaon Mein Apne Bhi Kat Gaye.
ज़िन्दगी सिर्फ मोहब्बत नहीं कुछ और भी है,
ज़ुल्फ़-ओ-रुखसार की जन्नत नहीं कुछ और भी है,
भूख और प्यास की मारी हुई इस दुनिया में,
इश्क ही इक हकीकत नहीं कुछ और भी है।
Zindagi Sirf Mohabbat Nahi Kuchh Aur Bhi Hai,
Zulf-o-Rukhsaar Ki Jannat Nahi Kuchh Aur Bhi Hai,
Bhookh Aur Pyaas Ki Maari Huyi Iss Duniya Mein,
Ishq Hi Ek Hakiqat Nahi Kuchh Aur Bhi Hai.
ज़िन्दगी उस अजनबी मोड़ पर ले आई है,
तुम चुप हो मुझसे और मैं चुप हूँ सबसे।
Zindagi Uss Ajnabi Mod Par Le Aayi Hai,
Tum Chup Ho Mujhse Aur Main Chup Hun Sabse.
कितना मुश्किल है ज़िन्दगी का ये सफ़र,
खुदा ने मरना हराम किया लोगों ने जीना।
Kitna Mushkil Hai Zindagi Ka Yeh Safar,
Khuda Ne Marna Haraam Kiya Logon Ne Jeena.
सरे-आम मुझे ये शिकायत है ज़िन्दगी से,
क्यूँ मिलता नहीं मिजाज़ मेरा किसी से।
Sar-e-Aam Mujhe Ye Shikayat Hai Zindagi Se,
Kyun Milta Nahi Mijaaz Mera Kisi Se.
आराम से तन्हा कट रही थी तो अच्छी थी,
ज़िन्दगी तू कहाँ दिल की बातों में आ गयी।
Aaram Se Tanha Kat Rahi Thi To Achchhi Thi,
Zindagi Tu Kahan Dil Ki Baaton Mein Aa Gayi.
जुगनुओं की रोशनी से तीरगी हटती नहीं,
आइने की सादगी से झूठ की पटती नहीं,
ज़िन्दगी में गम नहीं फिर इसमें क्या मजा,
सिर्फ खुशियों के सहारे ज़िन्दगी कटती नहीं।
Jugnuon Ki Roshni Se Teergi HatTi Nahi,
Aayine Ki Saadgi Se Jhoothh Ki PatTi Nahi,
Zindagi Mein Gham Nahi Fir Ismein Kya Mazaa,
Sirf Khushion Ke Sahare Zindagi KatTi Nai.
जाने कब आ के दबे पाँव गुजर जाती है,
मेरी हर साँस मेरा जिस्म पुराना करके।
Jaane Kab Aake Dabe Paanv Gujar Jaati Hai,
Meri Har Saans Mera Jism Purana Kar Ke.
पहचानूं कैसे तुझको मेरी ज़िन्दगी बता,
गुजरी है तू करीब से लेकिन नकाब में।
Pahchaanu Kaise Tujh Ko Meri Zindagi Bataa,
Gujri Hai Tu Kareeb Se Lekin Naqaab Mein.
फुरसत अगर मिले तो मुझे पढ़ना जरूर,
नाकाम ज़िंदगी की मुकम्मल किताब हूँ मैं।
Fursat Agar Mile To Mujhe Parhna Jaroor,
Nakaam Zindagi Ki Muqammal Kitab Hoon Main.
रोज़ दिल में हसरतों को जलता देखकर,
थक चुका हूँ ज़िन्दगी का ये रवैया देखकर।
Roj Dil Mein Hasraton Ko Jalta DekhKar,
Thak Chuka Hoon Zindagi Ka Ye Ravaiya DekhKar.
बख्शा है ठोकरों ने सँभलने का हौसला,
हर हादसा ख्याल को गहराई दे गया।
Bakhsha Hai Thhokaron Ne Sambhalne Ka Hausla,
Har Haadsa Khayal Ko Gahraayi De Gaya.
थोड़ी मस्ती थोड़ा सा ईमान बचा पाया हूँ,
ये क्या कम है अपनी पहचान बचा पाया हूँ,
कुछ उम्मीदें, कुछ सपने, कुछ महकती यादें,
जीने का मैं इतना ही सामान बचा पाया हूँ।
Thodi Masti Thoda Sa Imaan Bacha Paya Hoon,
Yeh Kya Kam Hai Apni Pahchaan Bacha Paya Hoon,
Kuchh Ummidein, Kuchh Sapne, Kuchh Mahekti Yaadein,
Jeene Ka Main Itna Hi Saman Bacha Paya Hoon.
कितना और बदलूं खुद को
ज़िन्दगी जीने के लिए,
ऐ ज़िन्दगी, मुझको थोड़ा सा
मुझमें बाकी रहने दे।
Kitna Aur Badloon Khud Ko
Zindagi Jeene Ke Liye,
Ai Zindagi Mujhko Thoda Sa
Mujh Mein Baki Rehne De.
हासिल-ए-ज़िन्दगी हसरतों के सिवा और कुछ भी नहीं,
ये किया नहीं, वो हुआ नहीं, ये मिला नहीं, वो रहा नहीं।
Hasil-e-Zindagi Hasrato Ke Siwa Aur Kuchh Bhi Nahi,
Ye Kiya Nahi, Wo Hua Nahi, Ye Mila Nahi, Wo Raha Nahi.
पढ़ने वालों की कमी हो गयी है आज इस ज़माने में,
वरना मेरी ज़िन्दगी का हर पन्ना मुकम्मल किताब है।
Parhne Walon Ki Kami Ho Gayi Hai Aaj Is Zamaane Mein.
Varna Meri Zindagi Ka Har Panna Mukammal Kitaab Hai.
न कर शुमार कि हर शय गिनी नहीं जाती,
ये ज़िन्दगी है हिसाबों से जी नहीं जाती।
Na Kar Shumaar Ki Har Shay Gini Nahi Jaati,
Ye Zindagi Hai Hisaabon Se Jee Nahi Jaati.
हर एक चेहरे को ज़ख़्मों का आईना न कहो,
ये ज़िन्दगी तो है रहमत इसे सज़ा न कहो।
Har Ek Chehre Ho Zakhmo Ka Aayina Na Kaho,
Ye Zidagi To Hai Rehmat Ise Saza Na Kaho.
कुछ आग आरज़ू की उम्मीद का धुआँ कुछ,
हाँ राख ही तो ठहरा अंजाम ज़िन्दगी का।
Kuchh Aag Aarzoo Ki Ummeed Ka Dhuaan Kuchh,
Haan Raakh Hi To Thhehra Anjaam Zindagi Ka.
हद-ए-शहर से निकली तो गाँव गाँव चली,
कुछ यादें मेरे संग पाँव पाँव चली,
सफ़र जो धूप का किया तो तजुर्बा हुआ,
वो ज़िन्दगी ही क्या जो छाँव-छाँव चली।
Had-e-Shahar Se Nikali To Gaon-Gaon Chali,
Kuchh Yaadein Mere Sang Paaon Paaon Chali,
Safar Jo Dhoop Ka Kiya To Tazurba Hua,
Wo Zindagi Hi Kya Jo Chhaon-Chhaon Chali.
ऐ ज़िन्दगी, तोड़ कर हमको ऐसे बिखेर दे इस बार,
न फिर से टूट पायें हम, और न फिर से जुड़ पाए तू।
Ai Zindagi, Todkar Humko Aise Bikher De Iss Baar,
Na Fir Se Toot Payein Hum, Aur Na Fir Se Jud Paye Tu.
नजरिया बदल के देख, हर तरफ नजराने मिलेंगे,
ऐ ज़िन्दगी यहाँ तेरी तकलीफों के भी दीवाने मिलेंगे।
Najariya Badal Ke Dekh Har Taraf Najraane Milenge,
Ai Zindagi Yehan Teri Takleefon Ke Bhi Deewane Milenge.
कुछ इस तरह से गुज़ारी है ज़िन्दगी जैसे,
तमाम उम्र किसी दूसरे के घर में रहा।
Kuchh Iss Tarah Se Gujaari Hai Zindagi Jaise,
Tamaam Umr Kisi Doosre Ke Ghar Mein Raha.
ज़िन्दगी लोग जिसे मरहम-ए-ग़म जानते हैं,
जिस तरह हम ने गुज़ारी है वो हम जानते हैं।
Zindagi Log Jise Marham-e-Gham Jaante Hain,
Jis Tarah Hum Ne Gujari Hai Wo Hum Jante Hain.
जो तेरी चाह में गुजरी वही ज़िन्दगी थी बस,
उसके बाद तो बस ज़िन्दगी ने गुजारा है मुझे।
Jo Teri Chaah Mein Gujri Wahi Zindagi Thi Bas,
Uske Baad To Bas Zindagi Ne Gujara Hai Mujhe.
नफरत सी होने लगी है इस सफ़र से अब,
ज़िन्दगी कहीं तो पहुँचा दे खत्म होने से पहले।
Nafrat Si Hone Lagi Hai Iss Safar Se Ab,
Zindagi Kahin To Pahucha De Khatm Hone Se Pehle.
छोड़ ये बात कि मिले ज़ख़्म कहाँ से मुझको,
ज़िन्दगी इतना बता कितना सफर बाकी है।
Chhod Yeh Baat Ke Mile Zakhm Kahan Se Mujhko,
Zindagi Itna Bata Kitna Safar Baaki Hai.
खुशी में भी आँख आँसू बहाती रही,
जरा सी बात हमें देर तलक रुलाती रही,
कोई खो के मिल गया तो कोई मिल के खो गया,
ज़िन्दगी हम को बस ऐसे ही आज़माती रही।
Khushi Mein Bhi Aankh Aansoo Bahati Rahi,
Jara Si Baat Humein Der Talak Rulaati Rahi,
Koi Kho Ke Mil Gaya To Koi Mil Ke Kho Gaya,
Zindagi Humko Bas Aise Hi Aazmaati Rahi.
अब समझ लेता हूँ मीठे लफ़्ज़ों की कड़वाहट,
हो गया है ज़िन्दगी का तजुर्बा थोड़ा थोड़ा।
Ab Samajh Leta Hun Meethhe Lafzon Ki Kaduwahat,
Ho Gaya Hai Zindagi Ka Tajurba Thoda Thoda.
मुझे ज़िन्दगी का इतना तजुर्बा तो नहीं है दोस्तों,
पर लोग कहते हैं यहाँ सादगी से कटती नहीं।
Mujhe Zindagi Ka Itna Tajurba To Nahin Hai Dosto,
Par Log Kahte Hain Yehan Saadgi Se KatTi Nahi.
जहाँ-जहाँ कोई ठोकर है मेरी किस्मत में,
वहीं-वहीं लिए फिरती है मेरी ज़िन्दगी मुझको।
Jahan-Jahan Koi Thhokar Hai Meri Kismat Mein,
Wahin-Wahin Liye Firti Hai Meri Zindagi Mujhko.
सबक वो हमको पढ़ाए हैं ज़िन्दगी ने कि हम,
हुआ था जो इल्म किताबों से वो भी भूल गए।
Sabak Wo Humko Parhaye Hain Zindagi Ne Ke Hum,
Hua Tha Jo ilm Kitaabon Se Wo Bhi Bhool Gaye.
एक उम्र गुस्ताखियों के लिये भी नसीब हो,
ये ज़िन्दगी तो बस अदब में ही गुजर गई।
Ek Umar Gustakhiyon Ke Liye Bhi Naseeb Ho,
Yeh Zindagi To Bas Adab Mein Gujar Gayi.